हज़रत उजैर : क़ुरआन-कथा

Hazrat Ujair : Quran-Katha

हज़रत उजैर की समझ में यह बात न आती थी कि खुदा मरे हुए लोगों को जिला कैसे सकता है? एक दिन वह एक उजड़ी हुई बस्ती से गुजरे तो उसे देखकर ताज्जुब करने लगे कि अल्लाह इसे फिर से कैसे आबाद करेगा? इस पर अल्लाह ने उन्हें सौ साल के लिए मुर्दा कर दिया। सौ साल बाद उन्हें जिन्दा करके उठाया और पूछा-"तुम इस हालत में कितने समय तक रहे?"

उन्होंने कहा-"एक दिन रहा हूँगा या एक दिन से भी कम।"

खुदा ने फर्माया-"नहीं, तुम इसी हालत में सौ साल तक रहे हो।अब तुम अपने खाने-पीने की चीजों को देखो कि उनमें से कोई बुसी तक नहीं और यह गधा जिस पर तुम सवार थे, यह भी उसी स्थिति में है। तुम्हें सौ साल तक मुर्दा रखने और फिर जिन्दा करने से हमारा मक़सद यही है कि हम तुम लोगों को अपनी कुदरत का एक नमूना दिखला दें। तुम अपने गधे की तरफ ही देखो न? हम कैसे एक-एक हड्डी को जोड़-जोड़कर ढाँचा तैयार करते हैं, फिर कैसे उस ढाँचे पर माँस चढ़ाते हैं, फिर कैसे रगें और रगों में खून पैदा करते हैं?"

हज़रत उजैर पर अल्लाह की शक्ति का यह चमत्कार प्रकट हुआ तो वह बोल उठे-"मैं यकीन करता हूँ कि अल्लाह का हर चीज़ पर काबू है!"