हमलावर कौन ? (कहानी) : कमलेश्वर

Hamlawar Kaun ? (Hindi Story) : Kamleshwar

दोस्तो! यह आज के यथार्थ को पेश करती एक दारुण कहानी है। इसके लेखक हैं-मुद्राराक्षष। यह कालजयी कहानी मैं आपको सुनाता हूँ-

भारत-पाकिस्तान युद्ध । भारत की सेनाएँ पाकिस्तानी इलाकों को जीतती हुई भीतर तक पाकिस्तानी क्षेत्र में घुस गईं। काफी बड़े इलाके के कई गांवों पर भारतीय फौज का कब्जा हो गया। भारतीय फौज का कमाण्डर इलाके की गश्त पर निकला। सारा गांव खाली पड़ा था, क्योंकि लोग जान बचाने के लिए भाग गए थे।

लेकिन एक घर में भारतीय फ़ौज के कमाण्डर को एक सहमी-दुबकी सोलह-सत्रह साल की वह लड़की मिली जो भागने वालों के साथ भाग नहीं पाई थी। भारतीय फौज के कमाण्डर ने उसे देखा। वह अपनी वासना को नहीं दबा पाया। उसने उस बेबस लड़की के साथ बलात्कार किया। निस्सहाय लड़की क्या कर सकती थी? आखिर तो उसका गाँव दुश्मन की फ़ौज के कब्जे में था। वह चीखती-चिल्लाती या विरोध करती तो भी कौन सुनने वाला था। गाँव में अपना तो कोई था नहीं। हमलावरों ने उसके मुल्क की फ़ौज को ख़देड़ कर इस इलाके पर कब्जा किया था।

आख़िरकार बाजी पलट गई। जबरदस्त जवाबी हमला करती हुई पाकिस्तानी फ़ौज वापस आई। उसने हिंदुस्तानी फ़ौज के छक्के छुड़ा दिए। दुश्मन की फ़ौज को खदेड़कर पाकिस्तानी फ़ौज ने अपना इलाका जीत लिया। अस्मत लुटी लड़की ने राहत की साँस ली। उसे उम्मीद भी बँधी कि गाँव के अपने लोग और उसके घरवाले जल्दी ही लौट आएँगे। आख़िर अपनी फ़ौज तो आ ही गई है।

तभी विजेता पाकिस्तानी फौज की उस दुकड़ी का कमाण्डर गश्त लगाता उधर आया। उसने लड़की को देखा। लड़की ने उसे एहसान भरी नजरों से देखा। वह खुद पर काबू नहीं रख सका। उसने लड़की को दबोच लिया और उसके साथ वही कुकृत्य किया, जो हिन्दुस्तानी टुकड़ी के कमाण्डर ने उसके साथ किया था।

लड़की का बदन बर्फ की तरह ठण्डा पड़ गया था, पर वो जिन्दा थी। और बैठे-बैठे सोच रही थी कि आखिर हमलावर कौन था?

(‘महफ़िल’ से)

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