Savinder Singh Uppal
सविन्दर सिंह उप्पल

सविन्दर सिंह उप्पल (8 अप्रैल 1924-) पंजाबी के उपन्यासकार, कहानीकार और आलोचक हैं।उन का जन्म गाँव धम्याल पंजाब (अब पाकिस्तान) में स: फकीर सिंह के घर हुआ । उन्होंने आनरज़ पंजाबी, ऐम.ए. अंग्रेज़ी /पंजाबी, और पीएचडी तक ऊँची पढ़ाई की। वह श्री वलभ भाई पटेल पुस्तकालय नरेला में 1947 से 50 तक सचिव रहे। फिर बी.ऐम. कालेज शिमला में 1950 से 55 तक, श्री गुरु तेग़ बहादुर खालसा कालेज कैंप, नयी दिल्ली 9551 में पंजाबी विभाग के प्रमुख के तौर पर काम किया और सीनियर रिर्सच अधिकारी क्लास एक, यूपीऐससी, नयी दिल्ली में भी काम किया।उन की रचनायें हैं ; नावल: घालि खाय, किछु हथहु देइ, लछमन रेखा; कहानी संग्रह: कुड़ी पोठोहार दी, ढहन्दे मुनारे, भरा भरावां दे, दुद्ध ते बुद्ध, महकां, आपना देस पराया देस, हालां बी नाश नहीं होया, कच्चा रंग कसुंभ दा, मेरी प्रतीनिध रचना, चोणवियां कहाणियां, कहानी पंजाब (सम्पादित), वासा सवरगां दा; आलोचना: प्रसिद्ध पंजाबी निबंधकार,, पंजाबी साहित्य बारे, नानक सिंह ते उस दी कला (संपादित), पंजाबी नावल विधी ते विचारां, पंजाबी कहाणी-सरूप ते विकास, नौरंग सिंह -जीवन ते रचना, करतार सिंह दुग्गल -जीवन ते रचना, पंजाबी कहानी पुनर-मुलंकण, प्रसिद्ध पंजाबी निबंधकार।

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