Santokh Singh Dhir
संतोख सिंह धीर

संतोख सिंह धीर (2 दिसम्बर 1920 - 8 फरवरी 2010) पंजाबी के अग्रणी कथाकारों में एक उल्लेखनीय नाम है। मानवतावाद और लोकहित इनके लेखन का केन्द्र रहा। कविता, उपन्यास, कहानी, यात्रा संस्मरण आदि पर 50 से अधिक पुस्तकों के रचयिता। अनेक अविस्मरणीय कहानियों के इस लेखक के आठ कहानी संग्रह, बारह कविता संग्रह, छह उपन्यास के साथ-साथ यात्रावृत्त और आत्मकथा भी प्रकाशित। कहानी संग्रहों में 'सिट्टियां दी छां-(1950), 'सवेर होण तक'(1955), 'सांझी कंध'(1958), 'शराब दा गिलास'( 1970), 'उषा भैण जी चुप हन'(1991) और 'पक्खी'(1991) प्रमुख हैं। 'पक्खी' कहानी संग्रह पर वर्ष 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ-साथ अनेक दर्जनों पुरस्कारों द्वारा नवाजे गए। 'सांझी कंध', 'सवेर होण तक', 'कोई एक सवार', 'मेरा उजड़िया गवांडी', 'मंगो' आदि उनकी अविस्मरणीय कहानियाँ हैं।