Nanak Singh
नानक सिंह

पंजाबी कहानी का जन्म सन् 1932 के आसपास का माना जाता है जबकि पंजाबी उपन्यास ने अपनी उपस्थिति 19वीं सदी के अन्त से ही दर्ज करा दी थी। नानक सिंह(1897-1971) उपन्यासकार पहले माने जाते हैं, कहानीकार बाद में। उन्होंने 38 उपन्यासों, 9 कहानी संग्रह, 4 कविता संग्रह और 4 नाटकों की रचना की। इनके अतिरिक्त एक लेख संग्रह और एक स्व-जीवनी भी प्रकाशित हुई है। इन्होंने अनेक पुस्तकों का पंजाबी में अनुवाद कार्य भी किया। नानक सिंह की पहली कहानी ''रखड़ी'' शीर्षक से सन् 1927 में छपी थी। सन् 1934 में उनका पहला कहानी संग्रह ''हंझुआं दे हार'' छपा था। नानक सिंह का नाम बेशक आधुनिक पंजाबी उपन्यास के अग्रणीय निर्माताओं में गिना जाए, लेकिन जब-जब पंजाबी कहानी की बात चलेगी, कहानी के क्षेत्र में उनके योगदान को नज़रअंदाज करना कठिन होगा।

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