Fyodor Dostoevsky
फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की

फ़्योदर दस्ताएवस्की (30 अक्तूबर [11 नवम्बर] 1821, मसक्वा [मास्को], रूसी साम्राज्य — 28 जनवरी [9 फ़रवरी] 1881, सांक्त पितेरबूर्ग [सेण्ट पीटर्सबर्ग], रूसी साम्राज्य) रूसी भाषा के एक महान् साहित्यकार, विचारक, दार्शनिक और निबन्धकार थे, जिन्होंने अनेक उपन्यास और कहानियाँ लिखीं पर जिन्हें अपने जीवनकाल में लेखक के रूप में कोई महत्व नहीं दिया गया। मृत्यु होने के बाद दस्ताएवस्की को रूसी यथार्थवाद का प्रवर्तक माना गया और रूस के महान लेखकों में उनका नाम शामिल किया गया। मॉस्को में जन्मे फ़्योदर दस्ताएवस्की को रूसी विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता मिख़अईल पित्रअशेव्स्की के राज्यविरोधी गुप्त दल का सदस्य होने के कारण 20 अन्य लोगों के साथ गिरफ़्तार कर लिया गया और उन्हें मृत्युदण्ड की सज़ा दी गई। लेकिन इस सज़ा पर अमल होने से पहले ही अंतिम समय में उनकी सज़ा को चार वर्ष के सश्रम कारावास में बदल दिया गया। दस्ताएवस्की ने गिरफ़्तार होने से पहले ही लिखना शुरू कर दिया था। साइबेरिया में कारावास की सज़ा बिताने के बाद उन्होंने फिर से लिखना शुरू कर दिया। 'अपराध और दंड ' (Crime and Punishment), 'बौड़म ', ’नर-पिशाच’, ’करमअजोफ़ बन्धु’, ’ग़रीब लोग’ और ’जुआरी’ जैसे विख्यात उपन्यासों के रचनाकार दस्ताएवस्की को मनोवैज्ञानिक विषयों का महान लेखक माना जाता है। रूसी और पश्चिम के कई लेखकों को इन्होंने प्रभावित किया - जिनमें एंटन चेखव [अन्तोन चेख़फ़] भी शामिल हैं। 2002 में नार्वे पुस्तक क्लब ने विश्व साहित्य की सौ प्रमुख किताबों में दस्ताएवस्की की पाँच किताबों को शामिल किया है।