Amin Kamil
अमीन कामिल

अमीन कामिल (1924–2014) कश्मीरी कविता में प्रमुख आवाज थे और भाषा में आधुनिक ग़ज़ल के प्रमुख प्रतिपादकों में से एक थे। उनके प्रभाव को उनके समकालीनों और बाद की पीढ़ियों ने व्यापक रूप से स्वीकार किया है। कामिल ने कवि होने के साथ-साथ लघु कथाएँ और उपन्यास और साहित्यिक आलोचना की रचनाएँ भी लिखी हैं। उन्होंने रेडियो के लिए कई नाटक और संगीत-रूपक भी लिखे हैं। सूफी कविता का उनका संपादित संग्रह (सूफी शायर, ३ खंड, १९६४-६५) समीक्षकों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया है। उन्होंने नुंद रेशी, और हब्बा खातून की एकत्रित कविता का संपादन भी किया है। कामिल को उच्च क्षमता के विद्वान के रूप में भी जाना जाता है। इनके द्वारा रचित कविता–संग्रह 'लवह ते प्रवाह' के लिये उन्हें सन् 1967 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अमीन कामिल : कश्मीरी कहानियाँ हिन्दी में

Amin Kamil : Kashmiri Stories in Hindi