गार्ड आफ ऑनर (कहानी) : कमलेश्वर

Guard Of Honour (Hindi Story) : Kamleshwar

मिली-जुली गठबन्धन सरकार के एक मन्त्री।

पुलिस लाइन में उनका दौरा था। कार से उतरते ही वे प्रशंसकों-चापलूसों से घिर गए। गले में मालाएँ पड़ने लगीं। फूलों की बौछार। नारों की जय-जयकार।

तब एक पुलिस अफसर भीड़ को चीरता उनके पास पहुँचा-सर! गार्ड ऑफ ऑनर ले लीजिए!

मन्त्री-अजीब मूर्ख आदमी हैं आप! देख तो रहे हैं...इतने लोगों को छोड़ के कैसे जाऊँ...यहीं प्लेट में ले आइए!

(‘महफ़िल’ से)

  • मुख्य पृष्ठ : कमलेश्वर; हिंदी कहानियां, उपन्यास और अन्य गद्य कृतियां
  • मुख्य पृष्ठ : संपूर्ण हिंदी कहानियां, नाटक, उपन्यास और अन्य गद्य कृतियां