खाली शहर की चाल : चीनी लोक-कथा

Khali Shehar Ki Chaal : Chinese Folktale

“खाली शहर की चाल” बुद्धिमानी से जुड़ी एक कहानी है। यह मशहूर चीनी ऐतिहासिक व्यक्ति चु क ल्यांग की बुद्धि से जुड़ी कहानी है।

चीन में चु क ल्यांग का नाम सभी जानते हैं। वह असधारण बुद्धिमान और कार्यकुशल शख्स था। उसके बारे में कई रोचक कहानियां प्रचलित हैं, खाली शहर की चाल उनमें से एक है।

ईसवी तीसरी शताब्दी में यानी ईसवी वर्ष 220 से 280 तक के समय में चीन में मुख्यतः तीन राज्य शासन करते थे, वे थे वेई राज्य, शू राज्य और वू राज्य। चीन के इतिहास में यह काल त्रि-राज्य काल कहलाता है। उत्तरी चीन पर वेई राज्य, दक्षिण पश्चिमी चीन पर शू राज्य और दक्षिण चीन पर वू राज्य का नियंत्रण हुआ करता था। इन तीनों राज्यों में वेई राज्य अधिक शक्तिशाली था।

इन तीनों राज्यों में वेई राज्य अधिक शक्तिशाली था। शू राज्य के सैन्य सलाहकार चु क ल्यांग युद्ध कला में पारंगत और अजेय माने जाते थे।

एक बार वेई राज्य को यह सूचना मिली कि शू राज्य के सामरिक स्थल पश्चिमी नगर में तैनात सैन्य बल बहुत कम है, वहां केवल दस हजार सिपाही पहरा दे रहे थे। वेई राज्य के सेनापति स-मा यी ने एक लाख से अधिक सैनिकों वाली सेना लेकर शू राज्य के पश्चिमी शहर पर हमला बोल दिया।

वेई राज्य की विशाल सेना के पश्चिमी शहर की ओर आने की खबर पा कर वहां के सभी लोगों को बड़ी चिंता हो उठी। एक लाख सैनिकों की सेना को रोकने में दस हजार लोगों की शक्ति कुछ भी नहीं थी। शू राज्य के दूसरे स्थानों से कुमक सेना बुलाने के लिए अब समय भी नहीं था। स्थिति बड़े खतरे में पड़ गई। इस नाजुक घड़ी में सभी लोगों ने शहर बचाने की आशा शू सेना के नायक चु क ल्यांग पर बांधी। चु क ल्यांग भी मुश्किल में पड़ गया, इस प्रकार की असाधारण गंभीर स्थिति का सामना करने के लिए एक उचित उपाय सोचना था।

काफी सोच विचार कर चु क ल्यांग को एक साहसिक चाल सूझी। उसने शहर के तमाम आम निवासियों और सिपाहियों को शहर से बाहर सुरक्षित स्थान छिप जाने का आदेश दिया। शहर का दरवाजा पूरा खुलवाया और इस तरह दुश्मन की सेना के आगमन की प्रतीक्षा में बैठ गए।

कुछ समय बाद वेई राज्य की सेना स-मा यी के नेतृत्व में पश्चिमी शहर के पास आ पहुंची और उसने शहर को घेरने का हुक्म जारी किया। लेकिन वह इस बात से हैरान हो गया कि पश्चिमी शहर निर्जन सा है, शहर का दरवाजा खुला का खुला हुआ है, शहर की दीवार पर पहरे के लिए एक भी सैनिक नहीं है और केवल एक बूढ़ा दरवाजे के पास जमीन पर झाड़ू लगा रहा है। जबकि युद्ध की आम स्थिति में इस समय पश्चिमी शहर पर प्रतिरक्षा की कड़ी मुस्तैदी होनी चाहिए था।

स-मा यी के लिए और बड़ी हैरान की बात यह थी कि शहर की दीवार पर निर्मित दुर्ग के सामने चु क ल्यांग आराम से बैठा दिखाई दे रहा है। चु गल्यांन स-मा यी का पुराना और प्रबल प्रतिद्वंद्वी था। दोनों के बीच कई बार युद्ध हुए थे। स-मा यी ने ऊपर शहर की ऊंची दीवार की ओर नज़र दौड़ाई, तो देखा कि चु क ल्यांग बड़े इतमिनान के साथ खड़ा होकर अपने वस्त्रों को थोड़ा ठीकठाक कर फिर बैठ गया और सामने रखे वाद्य यंत्र पर उंगली फेरने लगा। मधुर संगीत की धुन उसकी उंगलियों से निकल रही थी। शहर की दरवाजे के नीचे खड़े वेई राज्य के सभी सैनिक आश्चर्य में मौन रह गए। उन्होंने सोचा नहीं था कि इतनी विशाल शक्तिशाली दुश्मन की सेना के सामने चु क ल्यांग इस तरह निश्चिंत वाद्य बजाने में मग्न होगा। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर मामला क्या हुआ।

खुले दरवाजे और वाद्य यंत्र बजा रहे चु क ल्यांग को देखकर अक्लमंद और चालाकी के लिए मशहूर स-मा यी को कुछ भी नहीं सूझा। वह अच्छी तरह जानता था कि चु क ल्यांग असाधारण रूप से बुद्धिमान और चतुर है और युद्ध में बड़ी सावधानी से काम लेता है । अब उसे शहर का दरवाजा पूरा खोल कर वेई राज्य के एक लाख सैनिकों की अगवानी करने का साहस हुआ, तो निस्संदेह शहर में उसकी तगड़ी सेना छुपी हुई है।

इस वक्त चु क ल्यांग की ओर वाद्य यंत्र की ध्वनि मंद गति से वेग चाल में बदल गई। मानो अपनी सेना को दुश्मन पर धावा बोलने का हुक्म जारी कर रहा हो। स-मा यी ने स्थिति को भांपते हुए महसूस किया कि चु क ल्यांग ने उसे फंसाने के लिए कोई चाल चली है। उसने तुरंत अपनी सेना को वहां से हट जाने का आदेश दिया।

इस तरह वेई राज्य की एक लाख सैनिकों वाली सेना घबराते हुए वहां से हट गई। चु क ल्यांग की बुद्धिमत्ता के बल पर पश्चिमी शहर को खतरे से बचाया गया। और चु क ल्यांग की यह कहानी खाली शहर की चाल के नाम से मशहूर हो गई।

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