Padma Sachdev
पद्मा सचदेव

जन्म: 17 अप्रैल 1940, जन्मू से 40 किलोमीटर दूर एक ऐतिहासिक गाँव पुरमंडल के प्रतिष्ठित राजपुरोहित परिवार में। डोगरी लोकगीतों से प्रभावित होकर बारह-तेरह बरस की उम्र से ही डोगरी में कविता लिखना शुरू किया। डोगरी की पहली आधुनिक कवयित्री होने का गौरव प्राप्त। कविताएँ, लोकगीतों की विलक्षणता से परिपूर्ण। कुछ बरस बंबई रेडियो में स्टाफ-आर्टिस्ट के रूप में कार्य। 1969 में प्रकाशित ‘मेरी कविता मेरे गीत’ नामक कविता-संग्रह को 1971 का साहित्य अकादमी पुरस्कार। प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें: डोगरी कविताएँ, तवी ते झँना, न्हेरियाँ गलियाँ (जम्मू-कश्मीर सांस्कृतिक अकादमी से पुरस्कृत), पोटा पोटा निंबल, उत्तरवाहिनी (प्रकाशनाधीन), डोगरी से हिंदी में अनूदित कविता-संग्रह: मेरी कविता मेरे गीत, सबद मिलावा; साक्षात्कार: दीवानखाना; गोद भरी (कहानियाँ)।