Gulsher Khan Shaani
गुलशेर ख़ाँ

गुलशेर ख़ाँ (ख़ान) शानी (16 मई 1933-10 फरवरी 1995) हिंदी के उच्च कोटी के लेखक, कथाकार और उपन्यासकार हैं । उनका जन्म जगदलपुर (मध्य प्रदेश) में हुआ। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकायों की सम्पादना भी की। उनकी रचनायें हैं; उपन्यास: काला जल, कस्तूरी, पत्थरों में बंद आवाज, एक लड़की की डायरी, साँप और सीढ़ी, फूल तोड़ना मना है, नदी और सीपियाँ; कहानी संग्रह: बबूल की छाँव, छोटे घेरे का विद्रोह, एक से मकानों का नगर, एक नाव के यात्री, यु, शर्त का क्या हुआ, बिरादरी, सड़क पार करते हुए, जहाँपनाह जंगल; संस्मरण: शाल वनों का द्वीप; निबंध संग्रह : एक शहर में सपने बिकते हैं; संपादन: साक्षात्कर, समकालीन भारतीय साहित्य, कहानी (तीनों महत्वपूर्ण साहित्यिक पत्रिकाएँ)। उनकी रचनायों का और भाषायों में भी अनुवाद किया गया है।

  • जीवन-परिचय : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • एक नाव के यात्री : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • चहल्लुम : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • जगह दो, रहमत के फ़रिश्ते आएंगे : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • जनाज़ा : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • जली हुई रस्सी : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • जहाँपनाह जंगल : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • डाली नहीं फूलती : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • दोज़खी : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • बिरादरी : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • बोलने वाले जानवर : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • मासूम बाबा : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • युद्ध : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • मेरे लिए दुष्यंत : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • इमारत गिराने वाले : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • बबूल की छाँव : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • अपनी-अपनी राह : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • जनाज़े का फूल : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • नारी का प्यार : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • पहाड़ और ढलान : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • राख : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • रहीम चाचा : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • शेफाली : गुलशेर ख़ाँ शानी
  • ज़िन्दगी जलती है : गुलशेर ख़ाँ शानी